साहित्य चक्र

20 May 2020

मैं बस नहीं चलने दूंगा..




मैं बस नहीं चलने दूंगा 
मैं बस नहीं रूकने दूंगा
सड़कों पर मजदूरों को 
मैं पैदल ही चलवाऊंगा
जो भी हक की मांगे करे
उसे लाठी से पिटवाऊंगा 
मैं बस नहीं चलने दूंगा 
मैं बस नहीं रूकने दूंगा 

एक एक बस की सीटों पर
मैं जांच कमिटी बिठाऊंगा 
कलर, नंबर, कागज, पत्तर
मैं सबका पता लगाऊंगा
हजारों चलते मजदूरों पर
तरस कभी नहीं खाऊंगा 
मैं बस नहीं चलने दूंगा
मैं बस नहीं रूकने दूंगा 

गरीबों और मजदूरों पर
कोई दया नहीं दिखाऊंगा
इन बेबस और लाचारों पर
अपनी राजनीति घुसाऊंगा 
खुद का महिमामंडन कर के
इस भूमंडल पर छा जाऊंगा 
मैं बस नहीं चलने दूंगा
मैं बस नहीं रूकने दूंगा 

        अभिषेक कुमार मिश्रा


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