माँ क्या हो गयी माँ
कुछ बोलती नहीं हो,
कुछ तो बोलो ना माँ
माँ क्यों उतनी रोती हो,
पापा कुछ बोले थे माँ
माँ जरा सी बताओ ना
मेरा भी दिल रोता है माँ
माँ चुप हो जाओ ज़रा,
नहीं तो तुझे देख कर माँ
मेरी आँसू नहीं रुकती,
कौन मुझे खाना खाने माँ
आवाज़ से बुलायी गी,
क्यों रूठ जाती हो माँ
ज़रा बताने की कृपा करें,
आप का कर्ज और दुआ
भूल नहीं सकता हूँ माँ,
तेरे आँचल पेड़ समान है
ज़रा उस में सुलाओ माँ,
माँ मेरे पास आओ ना
ज़रा गोद में बैठा लो माँ।
अनुरंजन कुमार "अँचल"
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