कला
कला एक सोच
कल्पना है एकाग्रचित्त मन की
संवेदनशीलता, साधना,
भावना की कलात्मक अभिव्यक्ति
यही तो है कला !
कला कल्पना है कलाकार की
मन के रंगों के समावेश की
ब्रुश व रंगों के माध्यम से
जीवन को उकेरना
यही तो है कला!!
कला में आकार,
रूप,
प्रेम,राग, द्वेष, रहस्य,
मिलाप, दूरियों के हाव-भाव दर्शाना
यही तो है कला !!
शिवशंकर लोध राजपूत
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