साहित्य चक्र

02 May 2020

डरो ना!



डर की कोई बात नही,सबसे रहो दूर
थोडी सी दूरी स्वस्थ रखेगी भरपूर।

सफाई रखो हाथो मे ,घर मे समय बिताओ ।
ना किसी के पास जाओ ,ना उसे गले लगाओ।
पुरानी आदतो का ध्यान लाओ ,जो पूर्वज करते थे।
पैर हाथ धो कर ही, घर मे आया करते थे।

चप्पल बाहर घर के रखो, बैक्टीरिया को भगाओ
स्वच्छता अपनाओ
कोरोना के साथ-साथ, बहुत बिमारियों को भगाओ।
सामग्री का हवन करो तुम, आयुर्वेदिक अपनाओ
शाकाहारी बन जाओ।

कोरोना ने सिखा दिया जीना ,दुख मे पूरानी बाते ही याद आई है ना!
भारत की संस्कृति याद रखो और बच्चों को भी सिखाओ
विदेश  की संस्कृति को भूल जाओ।

                                                          अंशु शर्मा




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