साहित्य चक्र

15 May 2020

"माँ तो होती माँ "


माँ तो होती माँ 
क्या पहली क्या दूजी
माँ तो केवल  माँ

ये तो होता  फ़र्क सोच का
दूजी खोटी माँ

प्यार करे अपने से  ज्यादा
फिर भी रहे उदास
कोई भी कह देता इसकी
माँ प्रभु के पास

सोच बदल गयी आज सभी की
रिश्तों की परिभाषा
खून के  रिश्तों से बढ़कर
होते  दिल के खास

दूजी माँ और बच्चों के
देख बीच की  ममता
नाते-रिश्तेदारों को

नही आते  अक्सर  रास
माँ बच्चों के  बीच का रिश्ता
होता  बहुत महान

दोनों को ही  चाहिए
अपनेपन का एहसास


                                अंजलि गोयल 'अंजू'


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