फागुन की छायी बहार है, सब मिल खेलो रंग ।
हर सू बिखरा रंग केसरी, मनवा हुआ मलंग ।
होली खेलें कुँवर कन्हाई, करें हास परिहास ।
चुपके से राधा रंग दीन्हि, श्याम रंग में खास ।
राधे बन मतवारी झूमें, सांवरिया के संग ।।
हर सू बिखरा रंग केसरी--------
धूम मची है गाँव गली में, रंगो की बौछार ।
पिचकारी ले नुक्कड़ नुक्कड़, मस्तों की भरमार।
सराबोर सब आज रंग में, मन मे भरे उमंग ।
हर सू बिखरा रंग केसरी......
इंद्र धनुष के रंग गगन में, उड़े अबीर गुलाल ।
होली खेलो बन हमजोली, मन से मिटा मलाल ।
खतम करें हम चलो प्रेम से, नफरत की हर जंग ।
हर सू बिखरा रंग केसरी......
रीना गोयल
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