बार - बार साबुन से तुम, अपने हाथ को धोना।
अब चहूँ ओर फैल गया है, ये जालिम कोरोना।।
ना ये फैला मुर्गे से, और ना ये फैला मीन से।
ये जालिम तो जन्म लिया है, मेरे पड़ोसी चीन से।।
ये बीमारी फैल रही है, एक दूजे के मिलाप से।
उत्पत्ति हुई है इसकी, चमगादड़ और साँप से।।
मेरे प्यारे देशवासियों, हँसी - मजाकें बंद करो।
कोरोना से लड़ने का, अब तो उचित प्रबंध करो।।
आओ मिलकर कसमें खाएं, कोरोना को मिटाना है।
भारत माँ की इस धारा को, पुनः खुशहाल बनाना है।।
✍️गौतम कुमार कुशवाहा
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