*हमे है कुछ कर दिखाना*
*ख्वाहिशों से नहीं गिरते फूल झोली में*
*कर्म की साख को हिलाना ही होगा*
*कुछ नहीं होगा कोसने से अंधेरे को*
*अपने हिस्से का दीया तो खुद ही जलाना होगा*
यूं तो जीवन का हर दिन हर पल नया और खास होता है लेकिन महिला दिवस की बात ही कुछ अलग होती है क्योंकि इस दिन हमारे आंखो में नई उर्जा उत्साह व उमंग और नये सपने झिलमिलाने लगते है, यही सपने और आशाएं ही तो है जो हमे अव्हान करते है - आओ आगे बढे़ और जीवन में कुछ कर दिखाये।
जीने को तो सभी जीते हैं, लेकिन एक मकसद भरी जिंदगी आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। इसके लिए चाहिए तो बस मन को जीतने की शक्ति और कुछ कर गुजरने की चाह। तभी परिदृश्य बदलेगा जब आप स्वंय अपनी शक्ति व सामथ्र्य को पहचानकर अपने-अपने स्तर पर कुछ कर गुजरने का संकल्प लें, तभी महिला दिवस सार्थक होगा, क्योंकि नारी शक्ति को जगाना इसका मूल उदृदेश्य है।
जीवन भगवान का दिया सर्वोत्तम उपहार है। आप अपने जीवन को व्यर्थ मत जाने दीजिए। इसके लिए आपको अपनी मानसिकता व सोच बदलनी होगी, अपने आप पर भरोसा करना होगा। अपनी नजरों में उठे बिना आप दूसरों से सम्मान प्राप्त नहीं कर पाएंगी। आपको भी हक है अपने वजूद को बनाए रखने का, अपने शौक व रूचियों को बरकरार रखने का। कुछ कर गुजरने की सोच को हकीकत में बदलने के लिए अपने आप पर भरोसा रखिये, जिस मनोबल से आपने अपनी गृहस्थी की जिम्मेदारी उठाई है उसी उत्साह से अपने सपनों को साकार करने की दिशा में भी एक कदम तो उठाइए। अपनी शक्ति और सामथ्र्य को पहिचानिए। अपनी कमजोरियों पर ध्यान देने के बजाय अपनी ताकत पर ध्यान दें।
मैं यह काम नहीं कर सकती. के बजाय यह सोचे कि मैं यह काम कर सकती हूं, न कि जो मिला उसे ही किस्मत मान लिया। जीवन की बंधी बंधाई लीक से अलग हटकर अपनी क्षमता को जगाना होगा। वास्तविकता के धरातल पर खडे़ होकर अपनी राह स्वंय चुननी होगी। जिंदगी की दौड़ को जीतने के लिए कुछ अलग करने का जज्बा रखना होगा। अपने प्रयास और लगन से सिद्ध करना होगा कि हम भी किसी से कम नहीं हैं। हमारी भी अपनी पहचान है, तभी कुछ कर गुजरने की परिकल्पना स्वतः ही सार्थक होगी।
आपको भी सतत् संघर्ष करना होगा। केवल पड़ाव पर ही हारकर नहीं बैठना है। अपनी मंजिल तक पहुंचना है। आपके सपने भी निश्चित रूप से साकार होंगे, बशर्ते आपको अपने आप पर पूरा भरोसा हो। जीवन की बाधाएं आपको अंतर्मन को झकझोर सकती हैं। मन में असफलता का डर भी समाया रह सकता है। ऐसे में कुछ कर गुजरने की चाह में जरूर सफल होंगे।
अगर तुम ठान लो, तारे गगन से तोड़ सकते हो,
अगर तुम ठान लो, तुफान का पथ मोड़ सकते हो।
अगर तुम ठान लो, तो विश्व इतिहास में अपने,
सुयश का एक नव अध्याय भी जोड़ सकते हो तुम।
सीमा निगम
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