साहित्य चक्र

07 March 2020

यूं तो एक बहाना है



यूं तो एक बहाना है हर वर्ष होली के आने का ।
चेहरे में नकाब पहने रंग सबका अलग अलग ।।

यूं तो फीका ही रंग हर बार होली के गुलाल का।
रंगे कभी रूह तो जीवन भर की होली हो जाए ।।

रंगे ये धरती इस कदर चेहरों की क्या बात करें ।
जिंदगी की हर होली वृंदावन में प्रेम सौगात करें।।

बहाना बना रहे होली का रंग लगा बैठे तेरी यादों में ।
असल में हर पल रहते हैं तेरी यादों रंगीन सपनों में ।।

                                       राज शर्मा 


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