साहित्य चक्र

15 March 2020

नारी जननी

*नारी का नाम समर्पण है*

नारी जननी,नारी धरणी।
नारी चपला,नारी तरिणी।
नारी सरिता के जल सी है।
नारी भावों का तर्पण है।
नारी का नाम समर्पण है।।

नारी दुर्गा नारी काली।
नारी लक्ष्मी सी घरवाली।
नारी संतोषी माँ सी है।
नारी का जीवन अर्पण है।
नारी का नाम समर्पण है।।

नारी बिंदिया,नारी आँचल।
नारी चूड़ी, नारी काजल।
नारी मोहक श्रृंगार सी है।
नारी सुंदर सा दर्पण है।
नारी का नाम समर्पण है।।

नारी अमृत नारी हाला।
नारी गंगा,नारी ज्वाला।
नारी शरीर में जां सी है।
नारी सत का आकर्षण है।
नारी का नाम समर्पण है।।

नारी प्नकृति, नारी सृष्टि,
नारी नक्षत्र, नारी दृष्टि।
नारी जीवन बंधन सी है।
नारी समता संकर्षण है।
नारी का नाम समर्पण है।।

नारी राधा,नारी सीता।
नारी कुरान,नारी गीता।
नारी पवित्र ग्रंथन सी है।
नारी के रूप में दर्शन है।
नारी का नाम समर्पण है।।

                                                 मधु शंखधर 'स्वतंत्र'

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