साहित्य चक्र

21 March 2020

जनता द्वारा- जनता के लिए- जनता कर्फ्यू




जनता कर्फ्यू तभी सार्थक, जनता के ही करने से।
मुहिम साथ सब एक खड़े हो,नहीं हुआ कुछ डरने से।


सोच रही सरकार हमारी,जनता कर्फ्यू लाना है।
भारत में संस्कार पूर्ण हो, वाइरस दूर भगाना है।
आर्य संस्कृति रही सदा ही,स्वच्छ धरा के रहने से।
जनता कर्फ्यू तभी सार्थक.........।।


सभी करें संकल्प स्वयं हीं,बाइस मार्च  बंद रहे।
संयम नियम रहे सब मन से, पुष्प निहित मकरन्द रहे।
योग निरोग करे हर तन को, नियमित योगा करने से।
जनता कर्फ्यू तभी .............।।


चाइना से वाइरस आया,इटली को भी दहलाया।
शक्ति सार देशों में जाकर, कोरोना ने डर लाया।
भारत में आते ही थम गया, नीति नियम के धरने से।
जनता कर्फ्यू ....................।।


जनता कर्फ्यू यह कहती है, मेल मिलाप नहीं करना।
घर के अंदर रहो एक दिन, निश्चित ऐसा व्रत धरना।
टूट सके श्रृंखला वाइरस,सबके ऐसा वरने से।
जनता कर्फ्यू..........................।।


आओ सब संकल्प करें मिल, बाइस भारत बंद रहे।
सबका हो सहयोग बराबर, तब जीवन आनंद रहे।
दूर भगेगा खुद कोरोना,मन संकल्पित करने से।
जनता कर्फ्यू........................।।


                                  मधु शंखधर स्वतंत्र  


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