साहित्य चक्र

30 March 2020

अजीब बीमारी है




तुझे आसान सा समझ बैठे हैं 
यह भारतवासी तू बड़ी जानलेवा है, 
पर तुझे मजाक समझ बैठे हैं।।

 लोग अब भी सड़कों पर घूम रहे हैं 
अपने आप को धोखा दे रहे हैं, 
कोरोना को मजाक कह रहै है।

ना खुद की जान की फिक्र है,
ना दूसरों की इस महामारी को 
एक दूसरों तक पहुंचा रहे हैं।।

देखो पुलिस से मार खाने को  बाहर जा रहे हैं, 
बाहर जाने  से पहले दुनिया का हाल नही देख रहे हैं ।।

अभी भी वक्त है अपने आप को जरा संभाल लो,
अभी भी वक्त है इस देश को संभाल लो जवानो।।

 अजीब बीमारी है पहले ही काफी 
दुरिया थी थोड़ी और बढ़ गई, 
अजीब बीमारी हैं कोरोना।।

 भारत भी बड़ा अजीब है बीमारी को 
जानते हुए भी लोग इकट्ठा हो रहे हैं, 
कोरोना को मजाक मान रहे हैं ।।

                                               नवरतन बंजारा


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