साहित्य चक्र

29 August 2021

ज़िन्दगी में कुछ भी हो सकता हैं



डर मत डट कर सामना करना हैं
सबको साथ मे लेके चलना हैं
तू चलता जा हिम्मत रख
ज़िन्दगी मे कुछ भी हो सकता हैं
 
दुःख का समय बीत जाएगा
सुख से कब मिल जाएगा
अँधेरे के बाद उजाला हो सकता हैं
तो ज़िन्दगी मे कुछ भी हो सकता हैं

कुछ ना कुछ कर्म करता जा
कुछ ना कुछ धर्म करता जा
गांव मे जन्मा शहर मे शाही बन सकता हैं 
ज़िन्दगी मे कुछ भी होसकता हैं

परमेश्वर का ध्यान कर एकाग्रता आएगी
खुद पर विश्वास रख समग्रता आएगी
बिन मांगे इतना कुछ प्राप्त हो सकता हैं
तो ज़िन्दगी मे कुछ भी होसकता हैं


                                              सोनिका गुप्ता


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