हुआ न दर्द
मुझे भी हुआ करता था,
जब तुम बेमतलब
मुझे तकलीफ देते थे।
आए न आंखों में आंसू
मेरी आंखों में भी आते थे,
जब तुम बिना मेरे कुछ बोले
मुझे दर्द दिया करते थे।
टूटा न दिल
मेरा भी टूट जाता था,
जब तुम पास होकर भी
अनजान बन निकल जाते थे।
हुई न तकलीफ
मुझे भी हुआ करती थी,
जब तुम औरों के लिए
मुझे छोड़ चले जाते थे।
राजीव डोगरा 'विमल'
No comments:
Post a Comment