देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।
जनमानस खुद को,
कोरोना का गुलाम पा रहा है।
जिस समानता के अधिकार को पाया था।
इतनी जद्दोजहद से,
आज दो- गज की दूरी पर भी डरा जा रहा है।
देश 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।
धर्म की आड़ लेकर खेल- खेलती रही सियासतें।
धर्म को इंसानियत से,
अलग न कोई भी कर पा रहा है।
वोट की राजनीति का हाल तो देखो।
मुद्दा जाति गणना का अब उठाया जा रहा है।
देश 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।
जनमानस खुद को कोरोना का गुलाम पा रहा है।
मर रहा देश आज कोरोना से,
भुखमरी ,बेरोजगारी ,डूबती अर्थव्यवस्था की परेशानी से ,
जिंदगी में जहर खाने को आज जहां पैसे नहीं है।
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
देश 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।
जनमानस खुद को सियासी कोरोना का गुलाम पा रहा है।
प्रीति शर्मा "असीम"
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