राधा कृष्ण का प्रेम
प्रीत की रीत ऐसी लगी कान्हा,
अब छूटे से न छूटेगी।
मैं दुनिया के हर सुख दुःख भूली,
कृष्ण अब तेरा ही सहारा है।
दुनिया में प्रेम की कमी हो गयी,
कृष्ण तुम वापस आ जाओ।
हम तुम से ये विनती करते है,
राधा के पास आ जाओ।
कृष्ण का प्यार अमर है,
राधा ने दिल का नज़राना भेजा है।
दही मिश्री तुम्हे बुलाती है ,
बासुरी की धुन याद दिलाती है।
वन वन हम भटक रहे है,
तुम गाय चराने आ जाओ,
राधा तुम्हारी राह देख रही है।
उसकी पास तुम आ जाओ,
राधा को कृष्ण की यादो ने घेर लिया,
तुम उसके सपने सजा जाओ।।
गरिमा
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