कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना
तेरे दर्शन को व्याकुल नैना
नैनों की प्यास बुझा जाना
कान्हा रे...................
युग-युग से तेरा ध्यान धरुँ
तेरा सुमिरन दिन रैन करुँ
कान्हा अब न देर लगाना
संग में राधारानी को लेके आना
कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना.....
तेरे चरणन् में मस्तक धरुँ
जोगन बन इत-उत मैं फिरुँ
सुन कान्हा अब न तङपाना
साथ में मुरलिया लेके आना
कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना........
तेरे दर्शन को मैं मंदिर आई
तुझको कान्हा पर देख न पाई
आश मेरी अब टूटती जाए
जीवन की डोर छूटती जाए
कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना.........
सुन कान्हा मेरी एक विनती
दो दर्शन मिल जाए मुक्ति
विनती मेरी तुम सुनते जाना
आके युगल छवि दिखलाना
कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना
तेरे दर्शन को व्याकुल नैना
नैनो की प्यास बुझा जाना
कान्हा रे..............
कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति'
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