साहित्य चक्र

29 August 2021

सुंदर कृष्ण भजन




कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना
तेरे दर्शन को व्याकुल नैना
नैनों की प्यास बुझा जाना
कान्हा रे...................
      
             युग-युग से तेरा ध्यान धरुँ
             तेरा सुमिरन दिन रैन करुँ
             कान्हा अब न देर लगाना
          संग में राधारानी को लेके आना

कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना.....
       
          तेरे चरणन् में मस्तक धरुँ
          जोगन बन इत-उत मैं फिरुँ
          सुन कान्हा अब न तङपाना
          साथ में मुरलिया लेके आना
कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना........

          तेरे दर्शन को मैं मंदिर आई
         तुझको कान्हा पर देख न पाई
         आश मेरी अब टूटती जाए
         जीवन की डोर छूटती जाए
कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना.........

           सुन कान्हा मेरी एक विनती
          दो दर्शन मिल जाए मुक्ति
          विनती मेरी तुम सुनते जाना
        आके युगल छवि दिखलाना
कान्हा रे मेरे घर आना
आके दरस दिखा जाना
तेरे दर्शन को व्याकुल नैना
नैनो की प्यास बुझा जाना
कान्हा रे..............
             

                                          कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति'


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