तुम्हें नफ़रत से भी प्रेम हो जाएगा..
जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा।।
छोड़ दोगें जिद्द हमें पाने की..
जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा।।
ना रहेगा जीवन में तुम्हारे..
किसी भी मोह का साया।
ना कोई दर्द तुम्हारे जीवन में आएगा..
जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा।
चाहोगे देकर आजादी हमें..
ना किसी बंधन में बाँधने की कोशिश करोगे।
सारा समां तब प्रेम के रंग में रंग जाएगा..
जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा।
सुनाई देगी तुम्हें बातें भी वो सारी..
जो हमनें मन में कहीं होगी।
तुम्हारा दिल भी तब गीत हमारा गाएगा..
जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा।
समझ जाओगे प्रेम का अर्थ..
बंद आँखों से भी हमें तब देख पाओगे।
एक दिन समय ऐसा भी आएगा..
जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा।
कु. आरती सुधाकर
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