इनसे बचती जनता, आखिर क्यों, ये है पाला बदलने में माहिर, ये चार कदम पर खडे हो तो, जनता सौ कदम की दूरी बना लेगी, पर ये हर कदम पर मिलेंगे, नेता जी वोट के लिए, पुलिस कमीशन के नाम पर, पत्रकार, टी आर पी के लिए, और युवा, इन तीनों पर बलिदान के लिए, पर ये आम लोगों से मिले बिना, कुछ हजम कहाँ कर पाते है, एक लाइन हैं मूवी में, सुनी थी अचानक याद आ गयी।
दौलत भी है शौहरत भी है, पर इज्जत नहीं, इज़्ज़त दोगें तभी पाओगें, चलिये कुछ इन लोगों की चर्चा की जाये, ये बडे बहुमूल्य प्राणी है, होगें क्यू नही, अखिर हमारी भोली भाली जनता चुनती है इन्हें, फिर पदासीन होने के बाद ये जनता को चुनते है।
अब ये बात अलग है, ये किस तरह से चुनते हैं। हम हमारे राजनायक से बहुत प्रभावित है, सौ सुनार की एक लुहार की मुहावरा सटीक है, जैसी कथनी वैसी करनी, न खाऊंगा न खाने दूंगा, पर उन्हें कौन बताये, जिस जनता के लिए वो समर्पित है, वही जनता भ्रमित है।
उनके सेना नायक, हम उनके लिए कुछ लिख नही सकते, हम भी भ्रमित है, और आम ही है, तो बात आगे ले चलते हैं! पर राम भगवान जी की तरह राज्य में अदृश्य होकर पता करे तो सब उजागर हो जाऐगा।
रामराज्य हम सबका सपना है, और पूरा भी हो रहा है, बाढ़ का दुख मनाने वाले भुट्टा पार्टी मना रहे हैं, पीठ पीछे जनता द्वारा जुमला कसा जा रहा है। भाई हम तो ठहरे हमारे नायक के सपनों में जीने वाले आम लोग, हर दिन सपने देखते है, टूट जाते हैं, फिर अगले दिन सजो लेते हैं।
जनता के सेवक खुद को बताते है, और नीजी समर्थक की भीड़ इकट्ठा कर उसी जनता का मखौल उडाते धन्य है हमारे पावरफुल समाज सेवक, एक घोष हम सब की ओर से, जिंदाबाद जिदांबाद, कल की घटना, महाकाल हमारे परमात्मा पर भी शासन करने की हिमाकत, रक्षा तो प्रभु करे, अखिर इन महारथियों की पहुँच दिल्ली दरबार तक सीमित तो हो नही सकती, इसलिए कैलाश पति तक पहुँच रखना चाहते है।
गलत शब्दों का प्रदर्शन कर खुद को स्थापित करना कहा का न्याय है, कोई कुछ नही बोलेगा, अखिर वो खुद मे ही बहुत विराट है, चलिए ऐसे महान ओजपूर्ण वाणी वाले हमारे तारण हारो की रक्षा, सद्बुद्धि हमारे तारण हार ही करें, हमारी जनता ने चुना है, तो स्वयंविवेक से ही चुना होगा।
अब आगे हमारे मीडिया पत्रकार, स्वयं को सबित करने, टी आर पी के चक्कर में जनता को इतना, हाईलाईट करेगें, की आम जनता से कोई भी युवा कब सेलिब्रिटी बन जाये कुछ पता नहीं, भाई पत्रकार भाईयों, सच्चाई लाओ सामने, पर उतनी जितनी हजम हो सके, नही तो अच्छी बातें भी रद्दी के भाव हो जाती है।
आज का युवा भावुक है संवेदनशील है, समझदार है, सपने है, कुछ करने के लिए जुझारू भी, फिर अचानक से देशद्रोही कैसे, गुनाहगार कैसे, चितंनीय, युवा पीढ़ी सारे नियम जानती है, पर फिर भी कैसे गलती कर जाती है, आप भी समझते हैं हम भी चलिए आजाद है हम पर कब तक, 15 अगस्त आने वाला है, उस एक दिन चैन से सांस लेगें, क्योंकि उस दिन, गुनाहगार बनाने वाले व्यस्त होगें उन्हें उनके सम्मान का तमगा मिलेगा, और युवाओं को अपने सपने, बस आज इतना, वंदे मातरम् जय हिंद जय भारत आप सभी को आजादी की शुभकामनाएं।
रीमा ठाकुर
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