तुम कहो तो लबों को सिल लू में
तुम कहो तो तेरे हुस्न के
कसीदे पढ़ लूं मैं।
तुम कहो तो आंखों ही आंखों में इकरार करूं।
तुम कहो तो तुमसे नजरें फेर लूं मैं
तुम कहो तो सीने में छुपा लूं तुमको
तुम कहो तो सीने पर पत्थर रख लूं मैं
तुम कहो तो सारी रात गुप्तगु करूं
तुम कहो तो नींद की चादर ओढ़ लूं मैं
तुम कहो तो पेशानी चुम लूं
तुम कहो तो होंठ सील लू में।
तुम कहो तो तेरा इंतजार करूं
तुम कहो तो सफर जारी रखूं में।
तुम कहो तो बगिया से फूल चुन लू
तुम कहो तो बालों में फूल लगाऊं में
तुम कहो तो यह दूरियां मिटाऊ
तुम कहो तो तेरा हो जाऊं मैं।
कमल राठौर साहिल
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