साहित्य चक्र

27 January 2020

यह दर्द बड़ा नासूर है

तुम बिन जिंदा कैसे रहूँ

तुम को खोकर  तुम्हीं को पाना 
यह दर्द बड़ा नासूर है।।


 तुमको तुम ही से चुरा ना
 यह दर्द बड़ा नासूर है।।
 मोहब्बत यह एक तरफा है 
तुमको यह जताना
 बड़ा नासूर है ।।

इस दर्द में रहकर 
दर्द का मजा पाना 
बड़ा नासूर है।।

 इंतजार पल पल तुम्हारा होता है 
जो ना दिखो तुम, अगले पल
 तुम बिन जिंदा रहना 
नासूर है ।।

नहीं करती यह उम्मीद तुमसे 
कि तुम मेरे बनो
 मगर तुम बिन 
मुझको रहना नासूर है।।

                                           मोनिका शर्मा


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