साहित्य चक्र

27 January 2020

वो ऑनलाइन है

मेरी मोहब्बत


वो ऑनलाइन है लेकिन मुझसे बात नही करती
न जाने कहाँ अब उसकी बात चल रही है
हम उसके होते हुए उससे पूछ नहीं पा रहे
तुम बात करोगी या जुदा होने की तैयारी चल रही है।

वो मुझसे प्यार करती थी या अब भी करती होगी
न जाने  क़िस्मत क्यों  ऐसे खेल  रही है
कल मैंने पता किआ था उसके बारे में
सुना है उसके रिश्ते की बात चल रही है।


वो इतनी खूबसूरत है उसे कोई भी पसन्द करेगा
मेरी मोहब्बत आज और में बंट रही है
उसने एक बार भी मेरा ख्याल नहीं किया
लगता है मेरी मोहब्बत की धुंध छंट रही है।

                                       शुभम पांडेय गगन


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