साहित्य चक्र

25 January 2020

ह्रदय से नमन

"जय जवान"

अपने लिए भूलके जीना
    अब वो हमारे लिए जीते हैं,
वो जागते हैं जब रात-दिन
    तब हम चैन से अपने घर सोते हैं।


भारत के वीर जवानों को
   मातृभूमि के रखवालों को,
याद रखेगा पूरा हिन्द
   उनके दिए बलिदानों को।


होली,दिवाली, ईद, दशहरा
  जो अपने घर नही लौटते हैं,
किलकारियाँ भरते हैं माँ की गोद में
   मग़र माँ भारती की गोद में सो जाते हैं।


ह्रदय से मेरा नमन है
    उन वीर जवानों को,
ह्रदय से मेरा है नमन 
     उन वीर जवानों को।


                              -कल्पना 'खूबसूरत ख़याल'


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