साहित्य चक्र

03 January 2020

नववर्ष- 2020

नववर्ष की शुभकामना
सहर्ष  करो   स्वीकार ।


सहस्त्र वर्ष की भांति इस वर्ष भी
नववर्ष दस्तक दे रही सबके द्वार।

कुछ मुझसे व कुछ तुझसे खफा रहेंगे
कुछ से हम व कुछ से तुम खफा रहोगे।

कुछ ख्वाहिशें हम सबकी पूरी होगी
कुछ अरमान सबके अधूरे रह जाएंगे।

फ़िर भी तहे दिल  से  स्वागत  हूं करती
आने वाले साल का अभिनंदन हूं करती।

आओ एक नया संकल्प लेकर
अधूरे  लक्ष्य  को  हासिल करें।

आपसी  द्वेष  बैर  ईर्ष्या का भेदभाव मिटाकर
एक नया भारत रचने का दृढ़ संकल्पित हो लें।

                                         अभिलाषा मिश्रा आकांक्षा


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