"बस इतना समझ लीजिए"
जो मिला जिंदगी में, उसकी कदर कीजिये,
कुछ सोच कर ही दिया होगा ख़ुदा ने, उसको तवज्जु दीजिए।
क्यों गिनते हो उन लम्हो को, जो आपके कभी हो न सके,
जो लम्हे खुदा रहमत करे, उन्हें ही सवार लीजिए।
हर ख्वाईश पूरी हो जिंदगी में, ऐसी सोच मत रखिए,
आपके हक का खुद चल कर आए, इतना खुद को काबिल बना लीजिए।
क्यों कोसते रहते हो हर पल, अपनी किस्मत को,
आपके जैसा जीवन भी किसी के लिए ख़्वाब है, इतना समझ लीजिए।
जो मिला जिंदगी में,उसके मूल्य को समझिए,
कुछ सोच कर ही दिया होगा खुदा ने,उसे अमूल्य मानिये।
जो साथ न चल सका , क्यो उसे याद कर दुःख मानना,
जो साथ आज आपके है, उसे खुशियों का आयना बना लीजिए।
हर अपना हमेशा साथ दे, ऐसी उम्मीद मत रखिए,
और अजनबी अपना बन जाए, ऐसा व्यवहार बनाना सीखिए।
क्यो कोसते रहते हो हर पल,ख़ुदा के दिये अपनो को,
आपके जैसा परिवार भी किसी के लिए ख्वाव है, इतना समझ लीजिए।
-ममता मालवीय
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