खेत पर सरसों के फूल खिले
फूल खिले फूल खिले
बागों में बसंत की आहट आने लगे,
हवा के झोंको संग
भंवरा मुस्कुराने लगे,
मधुर मधुर तान गुनगुनाने लगे
एक प्रेमी का ह्रदय विचलित हो गया
देख कवि मुस्कुराने लगे,
हां लिखने को मिल गया मुझको
कलम कागज को बताने लगे,
देख प्रकृत की हो घटा
सुंदर यौवन शरमाने लगे,
कोयल कूक उठी बगियन में
मौसम झिलमिल आने लगे।।
अभिषेक राज शर्मा
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