साहित्य चक्र

03 January 2020

नयो साल-2020

 " नयो साल अईग्यो "

नयो साल अईग्यो,
जाती टेम जगईग्यो।

वाता थी जो खरी-खोटी,
सब मुंडा पे कईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


गरीबा की झोंपड़ी तोड़ी ने,
अमीरचंद कमईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


आदमी की कदर कोनी,
यो कुण सिखईग्यो।


नयो साल अईग्यो!!


ठंड का था लड्डू बांध्या,
कुत्तो सगरा खईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


पाणी की तरस लागी ने,
दारू की बाटल दईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


पगंत में नी अई जलेबी,
ने लाड़ो रिशईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


वाजा में फूँक कितरूं दे,
बैंड वारो वतईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


जामुन का पेड़ पे,
जामफल लगईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


भोरापण देख माँ-बाप को,
छोरो छोरी ने भगईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


हीरालाल की छोरी ने,
मोतीलाल मनईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


गाया-भैसा को चारों,
आदमी मचकईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!


"शेलु" सबने नया साल को,
राम-राम कईग्यो।

नयो साल अईग्यो!!
नयो साल अईग्यो !!


                                     सुनील पोरवाल "शेलु"

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