साहित्य चक्र

27 January 2020

नववर्ष का आगमन


नववर्ष का आगमन खुशियाँ मिले अपार
गम कभी न साथ हो जिंदगी कटे मजेदार।



चेहरे पर मुस्कराहट, अच्छी हो शुरुआत
जीवन में खुशियाँ मिले प्यार की सौगात।


श्रृंगार धरा पावन मिट्टी उपवन महकाया है
हमारे जीवन में खुशियों की बहार लाया है।


सौंदर्यपूर्ण वातावरण खिले उपवन में फूल
मन में द्वेष-भाव न हो बस यही मेरा उसूल।


हिंसा का रास्ता छोड़ अहिंसा अपनाएं हम
नफ़रत भुलाकर प्यार के फूल खिलाएं हम।


आओ हम नई साल पर कुछ तो करें विचार
कुछ तो ऐसा संकल्प लें मिले नवीन संचार।


सफलता मिले तुम्हें होकर घोड़े पर सवार
मनोकामना पुर्ण हो जीवन में आये बहार।


                                            सुमन अग्रवाल "सागरिका"


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