साहित्य चक्र

07 March 2021

कलम और क्रान्ति

खुशी से ज्यादा दर्द सच्चा लगता हैं,
वो हर किसी का चेहरा पहचान रखता है।

रातों को जागकर भी मेहनत करना,
हर शख्स को हमेशा आबाद रखता है।

मंजिल को  पाने वाला हर शख्स ,
जिद , जुनून, कुछ पीड़ा साथ रखता है।

कलम और क्रान्ति अगर साथ रहे तो,
हर राष्ट्र को इनका साथ खुशहाल रखता है।

मोहब्बत और नफरत  कुछ ख़ास ही तो है ,
तभी तो हर कोई इन्हे अपने पास रखता है।

गुलाबो के कांटे ही तो गुलाब को गुलाब रखता है,
प्यार में टूटा  हुआ ही तो प्यार को प्यार रखता है।

                                                                    अनिल कुमार मारवाल


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