साहित्य चक्र

27 March 2021

जिंदगी के रंग



कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा ।


तेरे जीवन में रंग ,
तो .........तेरे ही भरने से आएगा।
 कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा ।


किस सोच में .......हो ।
कोई बांध के,
रंगों को सारे,
इंद्रधनुष.....!
 तेरे हाथ में थमा जाएगा।


 जिंदगी को तेरी,
रंगों से रंगीन,
वह कर जाएगा ।

कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा ।

 हकीकत के,
 उन बदरंग दागों से लड़।
 तू अपनी......

 हिम्मत से,
 जिंदगी में रंग नये ...
 जब तक ना भर पाएगा ।


दुनिया के,
रंगों के इंतजार में,
बंदरंग तू हो जाएगा ।

कोई रंग भरने,
 जीवन में तेरे,
 बाहर से नहीं आएगा ।


तेरे जीवन में असल रंग तो,
तेरे भरने से  ही आएगा ।
 
                                    प्रीति शर्मा 'असीम'

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