आज मैंने एक पौधा पाया।
गमले में है इसको सजाया।
करूँगा इसकी भरपूर देखभाल,
दिल को मेरे यह बहुत है भाया।
मैं आँगन में इसे सजाऊँगा।
खाद पानी से इसे प्यार दूँगा।
बढ़ेगा यह सूरज की रोशनी से,
धीरे-धीरे इसे वृक्ष बड़ा बनाऊँगा।
एक दिन यह मुझे फल देगा।
मुझे स्वस्थ, सुंदर कल देगा।
बैठूँगा इसकी ठंडी छाया में,
मुझको सुकून का यह पल देगा।
पेड़ - पौधों से ये धरा कायम।
न काटो पेड़ पौधे रखो संयम।
जो दोगे वही पाओगे वापिस,
कुदरत का है बस यही नियम।
हर कोई एक पौधा लगाएं।
प्रकृति संरक्षण में हाथ बटाएं।
खिलखिलाती रहे ये प्रकृति सारी,
आओ, मिलकर इस सुंदर बनाएं।
कला भारद्वाज
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