चीं- चीं करती आंगन में चिड़िया आई
तिनका - तिनका बिनकर वह लाई ।
पंख खोलकर बच्चों संग खूब इठलाई
घरौंदे के लिए समान जो जुटा लाई ।।
बच्चों मत करों आपस में तुम लडाई
मैं तिनके संग दाना -पानी भी हूँ लाई ।
तिनके-तिनके से बनता है आशियाना
इसलिए हमारा घर मत तोड़ना भाई ।।
✍️गोपाल कौशल
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