साहित्य चक्र

27 March 2021

तेरा ये साथ



हर पल रहे सुहाना
हर क्षण रहे दिवाना
जहां तेरा ये साथ हो।

      महका हो घर-आंगन
      महकी हो हवा
      जहां तेरा ये साथ हो।

अपनों का हो प्यार-सम्मान
खिलखिलायें सबके सपने
जहां तेरा ये साथ हो।

      सुख-दु:ख के हर मोड़ पर
      कदम मिलकर बढ़े
      जहां तेरा ये साथ हो।

नि:स्वार्थ हो जीवन
सच्चाई का हो दामन
जहां तेरा ये साथ हो।

       दर्द भी लगने लगे फीका
       आंसू भी रास्ता बदल दें
       जहां तेरा ये साथ हो।

रंजो-गम से दूर
खुशियों का हो सफर 
जहां तेरा ये साथ हो।

                             तनूजा पंत

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