रात श्याम सपने में आए
मैंने पूछा क्या गोपियों को भी हो साथ में लाये ?
श्रीकृष्ण बोले गोपियों का यहां क्या काम ?
मैंने बोला- क्यों ? क्या में नहीं कर सकता गोपियों से दुआ सलाम ?
श्रीकृष्ण बोले- मैं तुम्हारी सेवा से प्रसन्न हूं कहो क्या मांगते हो श्रीमान ?
मैंने कहा- प्रभु कर दीजिए ना एक गोपी मेरे नाम
श्रीकृष्ण बोले- तुम्हारी यह इच्छा तो बड़ी भारी है।
मैंने कहा- क्यों अब बदल गये जब देने की बारी है ?
श्रीकृष्ण बोले- अरे देने से कौन डरता और एक गोपी पर कौन मरता है ?
मैंने कहा- तो क्यों नहीं कर देते एक गोपी मेरे नाम
श्रीकृष्ण बोले- नहीं आयेगी वह गोपी तुम्हारे काम
मैंने कहा- ऐसा क्यों कहते हो भगवान
श्रीकृष्ण बोले- वह कलयुग की नहीं द्वापर की गोपी है
पहनती वह जींस और स्कर्ट नहीं धोती है।
मैंने कहा- कलयुग और द्वापर की गोपी में अंतर बताएं भगवान
श्रीकृष्ण बोले- द्वापर में एक कृष्ण और अनेकों गोपी नजर आये
और कलयुग में एक गोपी ने अनेकों कृष्ण फंसाये...
कलयुग में एक गोपी ने अनेकों कृष्ण फंसाये...
कलयुग में एक गोपी ने अनेकों कृष्ण फंसाये....
आरती एकल
बहुत खूब।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
Super
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteबहुत खूब।
लाजवाब।
बेहतरीन।👍👍👍👍
जी धन्यवाद
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