साहित्य चक्र

07 March 2021

महिलाएं क्या चाहती हैं।




 महिलाएं तो बस सम्मान चाहती है ।
 बदलें में हर रिश्ते से,
 फर्ज निभाती हुई भी जब अपमान ही पाती है ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती है।।

शक्ति स्तंभ होते हुए भी ,
समर्पित कर देती हैं खुद को।
 वह प्रेम में कहां....
 कोई व्यापार चाहती हैं ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती हैं।

बेटियां पराई है ।
बहू भी पराई है ।
वह अपने होने का एक अलग एहसास चाहती हैं ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती हैं।

ना देह से आंकी जाए ।
ना वस्तु समझ कर जांची जाए। 
जो सृजक है पूरे संसार की ,
अपने संसार का अधिकार चाहती हैं ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती हैं।।

                                                     प्रीति शर्मा "असीम"


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