साहित्य चक्र

14 December 2019

प्याज का सपना

प्याज महंगी हो गई, चारों तरफ हाहाकार मच गया क्योंकि प्याज सबसे महंगी हो गई। सोशल मीडिया पर तरह-तरह के चुटकुले बनना शुरू हो गया राजनेताओं का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया अखबारों में बड़े-बड़े आर्टिकल छपने लगे। नुक्कड़ पर चाय की दुकान पर सरकार बनने बिगड़ने लगी हमारे देश के कुछ मल्टीनेशनल कंपनी के वैज्ञानिकों ने प्याज की समस्या को हल करने के लिए एक बेहतर उपाय निकाला उन्होंने प्याज के परफ्यूम लांच किया।

बड़े-बड़े हस्ती को खोजना शुरू कर दिया कंपनी ने कि उसके प्रोडक्ट का अच्छा खासा प्रचार हो जाए, करोड़ों का साइन हो गया टीवी पर प्रचार आना शुरू हो गया।

 "अब प्याज की कोई जरूरत नहीं है आप प्याज परफ्यूम लेकर आइए असली प्याज भूल जाइए, अब तो जनता पागल हो गई l प्याजा परफ्यूम की खपत काफी बढ़ गई। अब सरकार इसका क्रेडिट लेने के लिए प्रचार प्रसार शुरू कर दिया कि हमने वह कर दिखाया जो नामुमकिन था प्याज का मामला हल कर दिया अब चंद पैसों में गरीब जनता प्याज की पूरा मजा उठा रहा है, विपक्ष ने सवाल खड़ा कर दिया की अगर हम सब प्याज के मुद्दे ना उठाते तो इतना बड़ा खोज ना होता।

अंग्रेजी अखबार में पता चला परफ्यूम की खोज करने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन किया गया। बाजार में प्याज का भाव धीरे-धीरे शून्य पर आ गया अब कोई प्याज का नाम नहीं ले रहा है होटलों,ढाबों में धड़ाधड़ प्याज परफ्यूम से काम चल रहा है अब लोग फैशन के तौर पर इसका पूर्ण इस्तेमाल करने लगे बाजार में कुछ दुकानदार प्याज रखे थे उन्होंने बताया साहब पहले मिर्च की तरह टाइट हो गई अब साहब कोई इसकी तरफ देखता भी नहीं, क्या करूं साहब अब कोई सब्जी खरीदता है तो दो प्याज उसकी झोली में जबरदस्ती रखना होता है।

विज्ञान ने क्या इतनी तरक्की कर लिया यही सोच रहा था की मां की आवाज आई अभी सो कर उठ सुबह के 8 बज रहे हैं। मां बोली पिछले हफ्ते एक पाव प्याज लाया था वह खत्म हो गया, जा सब्जी की दुकान से एक पाव प्याज लेकर आओ अरे बाबा महंगाई को आग लगे। हो तो प्याज का परफ्यूम सपना खैर अच्छा था।

                                       अभिषेक कुमार शर्मा जौनपुर


No comments:

Post a Comment