ठान लिया है शिखर पर, पहुँचने को हमने।
ना पाँव देंगे कभी, दलदलों में जमने।।
हौसलों को बुलंद करके,
नित आगे हमें बढ़ना है।
बाधाओं को रौंदकर हमें,
उस शिखर पर चढ़ना है।।
अंतर्मन की ऊर्जा को, ना देंगे हम कमने।
ठान लिया है शिखर पर, पहुँचने को हमने।।
मेरे चेहरे पर मुस्कान होगा ,
कदमों में सारा जहांन होगा।
हर इच्छा पूरी होगी मेरी ,
जो दिल में मेरा ईमान होगा।।
बाधाएँ नजर ना आयेगी, मेरे नजरों के सामने।
ठान लिया है शिखर पर, पहुँचने को हमने।।
✍️...गौतम कुमार
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