साहित्य चक्र

28 June 2020

किसे ......चुनें



जिंदगी अगर खुद को चुनती। 
फिर वो मौत का फंदा ना बुनती।

 जिंदगी अगर खुद को चुनती। 
 दूसरों पर रखी ,
उम्मीद जब है थमती ।।

खुद को हार कर,
जिंदगी की आस जब है जमती।।

 जिंदगी अगर खुद को चुनती। 
फिर वो मौत का फंदा ना बुनती।।

 जिंदगी अगर खुद को चुनती। 
 कर खुद पर भरोसा ,
 जब तक,
 सांसों की डोर है चलती।।

 साथ अपने हिम्मत से,
 हर बात है बनती ।

मुश्किलें दौर भी, 
आकर  चला जाएगा।
 बदल अपनी सोच ,
सब कर है सकती ।।

खुद से जो फिर हार गया,
अपने सामने ही,
 हथियार डाल गया।
 मौत उसे है चुगती।।

जिंदगी जब खुद को चुनती।
फिर वो,
 जिंदगी की कहानियां ही बुनती।।


                                          प्रीति शर्मा "असीम" 


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