खुद को कोसना और रोना-धोना बंद कीजिए,
खुद को प्रति दिन सशक्त कीजिए।
चार दिवारी से बाहर निकलना शुरू कीजिए,
जिंदगी का भरपूर मजा लिजिए।
कभी खुद से भी बातें कीजिए,
कभी खुद अकेले भी रेस्टोरेंट जाया कीजिए।
जीवन से अपने दो टके लोगों को टाटा बाय बाय कीजिए,
जीवन के इस पड़ाव में, बस स्वयं को ही महत्व दीजिए।
लोगों की बातों को बेवजह ना दिल पर लीजिए, और ना ज्यादा सोचा कीजिए,
खुद को प्रति दिन बेहतर से उत्तम कीजिए।
कलम की ताकत सबसे बड़ी ताकत, लिखना शुरू कीजिए,
दुखड़ा रोने से कुछ नहीं हासिल होगा, खुद पर बस एतबार कीजिए।
प्रति दिन दिल खोल कर मुस्कुराया कीजिए,
कभी बैठिए फुर्सत से और रात को तारें भी निहारा कीजिए।
जो चला गया वक्त वो लौट कर नहीं आएगा,
जो है उस पर विचार कीजिए।
मूर्खो से ना ही भिड़ये और ना बहस कीजिए,
अपनी ऊर्जा को सही दिशा में खर्च कीजिए।
अपने बच्चों पर फोकस कीजिए, उन्हें हर हाल में सक्षम कीजिए,
अपने तनाव का उनकी जिंदगी में ना कोई असर कीजिए।
खुद को ही खुद का बेहतर दोस्त बनाइए,
कभी आईने में खुद से ही घंटो बातें कीजिए।
- रजनी उपाध्याय
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