साहित्य चक्र

25 November 2024

कविता- किताब





ये किताबें भी कितनी
हसीन होती हैं।

कभी यह हमें हंसाती
कभी हमें रुलाती
और कभी-कभी
किस्से कहानियां सुनाकर
हमें सुलाती ।

कभी यह हमारा गम बांटती
और कभी-कभी
हमारे गम का कारण बन जाती
कभी यह हमें अनंत ज्ञान का
आभास कराती।

और कभी यह हमें
बोल चाल की कला सिखाती
किताबें खोलो तो
न जाने किस दुनिया का
एहसास कराती।

बंद करूं तो पलभर में
दुनिया ही बदल जाती।
ये किताबें भी कितनी
हसीन होती हैं।

- रम्या


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