*शिक्षक साधारण नही प्रकाशमान हैं*
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नवाचारों में अग्रणी
सुविचारों का धनी
इरादों में हिमालय
ह्रदय से प्रशांत
विजय से विक्रांत
राधाकृष्णन जैसा शांत होता है शिक्षक ।
युधिष्ठिर जैसा धर्मी
भागीरथ जैसा कर्मी
कर्ण जैसा दानवीर
अर्जुन जैसा लक्ष्य चीर
चाणक्य जैसा बुद्धिमान होता है शिक्षक ।
पत्थरों में शिल्पकार
कच्ची मिट्टी का कुम्हार
सूक्ष्मता में स्वर्णकार
कल्पनाओं से चित्रकार
समाज का दर्पण होता है शिक्षक ।
इमारतों में इबारत
पत्थरों मे पारस
पक्षियों में सारस
रसों में मधुरस
फलों में श्रीफल
झरनों में कल-कल
गंगाजल -सा पवित्र होता हैं शिक्षक ।
समरसता का प्रतीक
राष्ट्रीय एकता का दीप
शिष्य के लक्ष्य का पथिक
मोतियों से भरी जिसकी सीप
ऐसा व्यक्तित्व कोई साधारण नही
ज्ञान का प्रकाशमान होता हैं शिक्षक ।।
✍️ गोपाल कौशल
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