शिक्षक समाज के
अनमोल धरोहर हैं,
शिक्षा का भी
शिक्षक से ही गौरव है।
शिक्षक हमें काबिल बनाता है,
ठोंक पीटकर हमें
निखारता, सवांंरता है,
जीवन के संग्राम में जूझने के
लायक बनाता है।
सबको पता है
आज शिक्षा कितना जरूरी है,
लेकिन
अच्छी शिक्षा के लिए
अच्छे योग्य ,समर्पित शिक्षक भी
बहुत जरुरी है।
साथ ही शिक्षकों को भी
अपने कर्तव्यों के प्रति
निष्ठा, लगन,परिश्रम से
बिना भेद भाव के
समर्पित होना भी बहुत जरुरी है।
जब तक ,जहाँ तक जैसे
शिक्षकों का मान होगा,
उतना ही शिष्यों का
ऊँचा स्थान होगा।
शिक्षक सबके आदरणीय है
शिष्यों के लिए पूज्यनीय है,
समाज के लिए धरोहरों की तरह
पोषणीय हैं।
✍सुधीर श्रीवास्तव
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