साहित्य चक्र

26 September 2020

चलो तुम और मैं, हम हो जाते हैं।






एक दूजे पर हम एतबार करेंगे।
दिल से एक दूजे को प्यार करेंगे।
हम हर रोज देखेंगे ख़्वाब हजारों।
मिलकर फिर उनको साकार करेंगे।

एक दूजे से दिल की बात कहेंगे।
हर पल एक दूजे के साथ रहेंगे।
हर खुशी को जिएंगे हम साथ में।
और हर ग़म को हम साथ सहेंगे।

एक दूजे का हम सम्मान करेंगे।
मिलजुल कर सारे काम करेंगे।
थक जाएंगे जब भी हम दोनों।
एक दूजे की बाहों में आराम करेंगे।

दुनिया की सारी रस्में तोड़कर।
दिल से दिल का रिश्ता जोड़कर।
एक दूजे पर हम यकीं करेंगे।
इस दुनिया की बातें छोड़कर।

दिल की सारी बात जानकार।
एक दूजे को अपना मानकर।
पूरी ज़िन्दगी हम साथ चलेंगे।
बस एक दूजे का हाथ थामकर।

चलो तुम और मैं हम हो जाते हैं।


                                          संदीप कुमार

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