साहित्य चक्र

18 September 2020

।। नैनीताल ।।



नैनीताल ख़तरे में है, क्या आप सभी ये जानते हैं।
इस हालत का जिम्मेदार, बताओ किसे मानते हैं।

बिल्डिंगे ज्यादा हो गई, हरियाली कम हो गई।
हर जगह कूड़ा- कचरा, ख़ुशहाली कम हो गई।

अवैध निर्माण हाईकोर्ट की, नाख नीचे हो रहे।
प्राधिकरण के अधिकारी तो, सालों से सो रहे।

यहाँ लोगों की पहले झोपड़ी, फिर घर बन जाते हैं।
अवैध निर्माण तोड़ने पर, लोग सड़क में उतर आते हैं।

झील यहाँ  केवल, बरसात में ही भर पाती है।
साफ है कारण पर, नज़र किसकी जाती है।

नैनीताल के जल श्रोत, हर दिन अब घट रहे हैं।
लेकिन पानी के कनेक्शन, हर रोज बट रहे हैं।

कोई कहे झील में छेद है, कोई श्राप कहता है।
लेकिन नैनीताल दर्द अपना, साफ- साफ कहता है।

अब ज्यादा भार नहीं सह पाऊँगी, ये झील कह रही।
कभी सूख रही है, तो कभी इसकी दीवार ढह रही।

रोज प्रदूषण, बढ़ती गाड़ियां, हरियाली घटने लगी है।
लगातार नैनिताल में खतरे की घण्टी, बजने लगी है।

अब भी समय है जागो, नैनीताल को तुम बचा लो।
या फिर जल्द ही तुम यहाँ, मौत को गले से लगा लो।

                                                 संदीप कुमार


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