साहित्य चक्र

05 September 2020

अभिव्यक्ति




शिक्षक दिवस के अवसर पर
क्या करूं आपको गुरुवर अर्पण,
भाव विह्वल हो निःशब्द हूं ,
किंचित भावों का समर्पण।

आपकी असीम कृपा से
अमोघ अस्त्र सा पाया है,
ना उत्सुकता ना विह्वलता
मन को संयम भाया है।

मेरे समस्त गुरुजन सदा
सुखी ,शान्त और रहें संपन्न,
कभी कोई कष्ट ना हो उनको,
स्वस्थ रहे उनका तन मन।

ईश रूप में मैंने उनका
सशक्त सहारा पाया है,
वह मेरे साकार प्रभु
इस रूप में उनको ध्याया है।

भगवन सम वह भाव चहेते
हम उनको क्या दे पाएंगे,
कर दें सर्वस्व समर्पित,
ऋणमुक्त तब भी न हो पाएंगे।

 समस्त गुरुजन को  शिक्षक दिवस की अनन्त शुभकामनाएं !

                                              डाॅ अर्जिता सेन


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