साहित्य चक्र

17 May 2019

महायुद्ध

युद्ध 
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तुम जीत लेना 
हजारों युद्ध 
महायुद्ध 
लेकिन तुम्हें अन्त में तो हारना ही है |

स्वयं से अथवा 
स्वजनों से, 
आजतक कोई नहीं जीत सका 
स्वयं से 
स्वजनों से, 
इतिहास गवा है 
राम हारे तो अपनों से,
रावण हारा तो अपनों से 
इस दुनिया में कोई ऐसा योद्धा नहीं 
जो हारा नहीं 
और जो हारा नहीं 
वो योद्धा नहीं 
हार-जीत का श्रेय तो सिर्फ एक योद्धा को ही मिलता है |

जो कभी लड़ा नहीं 
वो योद्धा कैसा ? 
लड़ाई सिर्फ भुजाओं के बल से ही नहीं लडी जाती 
राग से, द्वेष से, लोभ से, लालच से लड़ना भी एक युद्ध है, 
और इनसे लडना हर किसी के बस की बात नहीं...|


- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

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