" किसने कहा : राजनीति की उठापटक "
किसने कहा कि नेताओं को, स्वप्न नहीं आते हैं,
किसने कहा कि नेताओं को, खटमल नहीं खाते हैं ||
किसने कहा कि नेताओं को, दु:ख नहीं होता है,
किसने कहा कि नेताओं का, गंदा मुख नहीं होता है ||
किसने कहा कि नेता सोते नहीं है,
किसने कहा कि नेता रोते नहीं है ||
किसने कहा कि नेता, कभी गिरते नहीं है ,
किसने कहा कि नेता, सीना चीरते नहीं है ||
किसने कहा कि नेता, भाई-सा लगता है,
किसने कहा कि नेता, औरत पराई-सा लगता है ||
किसने कहा कि नेता, थूका चाटते नहीं है,
किसने कहा कि नेता, देश को बाँटते नहीं है ||
किसने कहा कि नेता के, पाँवों में छाले पड़ते हैं,
किसने कहा कि भ्रष्टाचारी, कारागार में सड़ते हैं ||
किसने कहा कि नेता को ठोकर नहीं लगती है,
किसने कहा कि नेता की छवि, जोकर नहीं लगती है ||
किसने कहा कि नेता भी, कभी दान करता है,
किसने कहा कि नेता को माफ, भगवान करता है ||
किसने कहा कि नेताओं के, चेहरे नहीं होते हैं,
किसने कहा कि नेता, गूँगे-बहरे नहीं होते हैं ||
किसने कहा कि नेता, बेखौफ जीते हैं,
किसने कहा कि नेताओं के, जीवन में फ़जीते हैं ||
किसने कहा कि नेता, हवा में उड़ते हैं,
किसने कहा कि नेता, बद्दुआ में सड़ते हैं ||
किसने कहा कि नेता, विकास कराता है,
किसने कहा कि नेता, घर का विनाश कराता है ||
किसने कहा कि नेता, जनता का पैसा खाते हैं,
किसने कहा कि नेता, चोर होकर भी साहूकार कहलाते हैं ||
" किसने कहा" कि - यह पेशकश, सबकुछ दर्शा जाती है,
माँ-बहन है कितनी सुरक्षित, हालत ये बयाँ कर जाती है ||
तो आइए इस बार हम सरकार "कर्मशील " बनाते हैं,
देश की जनता की आवाज़ सुने वो "सहनशील " बनाते हैं ||
समझदार जो होंगे, इशारों में समझ जाएँगे,
"शेलु" अब आगे क्या कहे, वरना शब्द मुस्कुराएंगे !!
सुनील पोरवाल "शेलु"
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