साहित्य चक्र

17 May 2019

किसने कहा...।

" किसने कहा : राजनीति की उठापटक "

किसने कहा कि नेताओं को, स्वप्न नहीं आते हैं, 
किसने कहा कि नेताओं को, खटमल नहीं खाते हैं ||


किसने कहा कि नेताओं को, दु:ख नहीं होता है, 
किसने कहा कि नेताओं का, गंदा मुख नहीं होता है ||


किसने कहा कि नेता सोते नहीं है, 
किसने कहा कि नेता रोते नहीं है ||


किसने कहा कि नेता, कभी गिरते नहीं है ,
किसने कहा कि नेता, सीना चीरते नहीं है ||


किसने कहा कि नेता, भाई-सा लगता है, 
किसने कहा कि नेता, औरत पराई-सा लगता है ||


किसने कहा कि नेता, थूका चाटते नहीं है, 
किसने कहा कि नेता, देश को बाँटते नहीं है ||


किसने कहा कि नेता के, पाँवों में छाले पड़ते हैं, 
किसने कहा कि भ्रष्टाचारी, कारागार में सड़ते हैं ||


किसने कहा कि नेता को ठोकर नहीं लगती है, 
किसने कहा कि नेता की छवि, जोकर नहीं लगती है ||


किसने कहा कि नेता भी, कभी दान करता है, 
किसने कहा कि नेता को माफ, भगवान करता है ||


किसने कहा कि नेताओं के, चेहरे नहीं होते हैं, 
किसने कहा कि नेता, गूँगे-बहरे नहीं होते हैं ||


किसने कहा कि नेता, बेखौफ जीते हैं, 
किसने कहा कि नेताओं के, जीवन में फ़जीते हैं ||


किसने कहा कि नेता, हवा में उड़ते हैं, 
किसने कहा कि नेता, बद्दुआ में सड़ते हैं ||


किसने कहा कि नेता, विकास कराता है, 
किसने कहा कि नेता, घर का विनाश कराता है ||


किसने कहा कि नेता, जनता का पैसा खाते हैं, 
किसने कहा कि नेता, चोर होकर भी साहूकार कहलाते हैं ||


" किसने कहा" कि - यह पेशकश, सबकुछ दर्शा जाती है, 
माँ-बहन है कितनी सुरक्षित, हालत ये बयाँ कर जाती है ||


तो आइए इस बार हम सरकार "कर्मशील " बनाते हैं, 
देश की जनता की आवाज़ सुने वो "सहनशील " बनाते हैं ||


समझदार जो होंगे, इशारों में समझ जाएँगे, 
"शेलु" अब आगे क्या कहे, वरना शब्द मुस्कुराएंगे !!

                                        सुनील पोरवाल "शेलु"


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