साहित्य चक्र

25 May 2019

मेरा मत : देश की जरूरत


प्रथम मत है मेरा अपना, 
राष्ट्र हित है मेरा सपना |
निडर, निष्पक्ष सरकार, 
प्रजा ही तय करेगी |
मतदान है वो ताकत,
देश को निर्भय करेगी ||


मुझे खुशी है, मेरा मत है, 
मेरे मत में वो ताकत है |
व्यर्थ नहीं इसे जाने देंगे, 
राष्ट्रहित को आने देंगे ||

प्रजा के उच्च विचारों को, 
ठोकर ना कभी खाने देंगे ||


जीवन का पहला अनुभव है, 
लगता है सबकुछ संभव है |
मात नहीं हम कभी खाएंगे, 
मतदाता ही इस देश का मिलजुल ,
चमकदार भविष्य बनाएंगे ||


ये तो है शब्दों की माला, 
खूब बड़ी बन जाती है |
अच्छा किया कि "शेलु " ने, 
मत दिया राष्ट्रहित में, 
वरना पार्टियों के नाम पर तो, 
रबड़ी बन जाती है ||


                      नव मतदाता - सुनील पोरवाल "शेलु "


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