प्रथम मत है मेरा अपना,
राष्ट्र हित है मेरा सपना |
निडर, निष्पक्ष सरकार,
प्रजा ही तय करेगी |
मतदान है वो ताकत,
देश को निर्भय करेगी ||
मुझे खुशी है, मेरा मत है,
मेरे मत में वो ताकत है |
व्यर्थ नहीं इसे जाने देंगे,
राष्ट्रहित को आने देंगे ||
प्रजा के उच्च विचारों को,
ठोकर ना कभी खाने देंगे ||
जीवन का पहला अनुभव है,
लगता है सबकुछ संभव है |
मात नहीं हम कभी खाएंगे,
मतदाता ही इस देश का मिलजुल ,
चमकदार भविष्य बनाएंगे ||
ये तो है शब्दों की माला,
खूब बड़ी बन जाती है |
अच्छा किया कि "शेलु " ने,
मत दिया राष्ट्रहित में,
वरना पार्टियों के नाम पर तो,
रबड़ी बन जाती है ||
नव मतदाता - सुनील पोरवाल "शेलु "
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