महक रहा था जहा बच्चो का बाग,
यकायक उजाड़ गई वो भयावह आग,
जीने की आश में चौथी मंजिल से छलांग लगाई
फिर भी आग ने आनेकी हमे वजह नहीं बताई
तक्ष शीला बिल्डिंग हे बहुत बड़ी,
जल गई थी आग में उसकी पूरी सीडी
कूद गए वहा से राम और रूचित
कदम उठाए गए हैं उन्होने उचित
लोगो ने जब वीडियो और फोटो खिचाई
केतन ने हिम्मत से दो बच्चो की जान बचाई
कहते हैं कि सूरत का भोजन,
और काशी का मरण अच्छा है, लेकिन,
तक्ष शीला मे न भोजन मिला,
न पढ़ाई के लिए ट्यूशन मिला,
आग ने रचाई भयंकर लीला,
निर्दोष बच्चो को सजा जो मिला
अफसर बनने की रखी थी ख्वाहिश
लेकिन मर गए उसमे स्टूडंट पूरे बाइस
जब जब ऎसा हादसा होता है
बेकसूर इंसान ही खूब रोता है
जांच कमिशन और इंक्वायरी होती है
लेकिन क्या पता किस को क्या सजा होती है?
कवि गुलाब कहे कानून सख्त बनाओ
ऎसे गुन्हेगारो को फांसी पर लटकाओ
डॉ गुलाब चंद पटेल
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