साहित्य चक्र

25 May 2019

प्रभात की पहली किरण


प्रभात की पहली किरण पूर्व दिशा पर अपनी लालिमा बिखेर कर सारी प्रकृति को मानों नई उर्जा प्रदान कर दी हो।हरे भरे मस्ती में झूमते लहराते पेड़ साथ ही रंग बिरंगे फूल अपनी उमंग में डूबे नई किरण में मग्न थे।प्रभात की किरण को देखते ही मुर्गा बाँग कर हर एक को शुभ प्रभात का संदेश दे रहा था,आम के पेड़ पर बैठकर कोयल रानी मधुरिम ध्वनि से मन में शांति का संदेश प्रस्तुत कर रही थी,यह किरण वाकई में शीतल भरी हर एक को आकार्शित कर रही थी,पंक्षियों के कलरव,पनघट पर पनिहारिन पानी के लिये कतार लगाये खड़ी थी,लोग सैर सपाटे के लिये दो सौ कि.मी.के लक्ष्य को पीछा कर रहे थे,बगीचे पर माली पौधों को पानी देकर तृप्त कर रहे थे,घर के गौ शालायें की गाय जंगल की ओर जा रहीं थी,कुछ लोग अभी भी आँगन में पड़ी खाटों में पड़े आराम फरमा रहे थे तो कुछ गांव से एकांत में मैदान पर बच्चों व कुछ युवा रोजाना की तरह योग व कुछ खेल रहे थे।प्रभात की पहली किरण पर आती शीतल हवा जीवनदायनी दवा का काम करती है।हमें प्रभात की बेला पर रोजाना उठकर दिनचर्या बनाकर कार्य करना चाहिये।नव पथ पर नई दिशा प्रदान कर जीवन सफल बनायें।

                                                    

                                                                                 ।। नवीन कुमार भट्ट ।।




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